(कविता)
सत्य,निडर और साहस का पाठ पढ़ाया आपने
उलझन भरी जीवन को नयीं राह दिखाया अपने
तड़प रही थी दुनियाँ जब घोर अंधकार ब्याप्त निशाचरों से
खुद जलकर दूसरों को प्रकाशवान बनाया आपने
लड़ रही थी दुनियाँ छुआ-छूत और भेदभाव से
दुश्मनी भुलाकर मैत्री-भाव का हाथ बढ़ाया आपने
बुराइयों का रोग हटाकर भलाई का ज्ञान फैलाकर
अनेंकता में एकता का मंत्र देकर सदभाव का परचम भी लहराया आपने
कर्म की महत्ता, "जिओ और जीने दो" का दिया आपने उपदेश
ज्ञान की निर्मल गंगा बहाकर दूर कर दिये आपने समाज के सारे क्लेश
सत्य,निडर और साहस का पाठ पढ़ाया आपने
उलझन भरी जीवन को नयीं राह दिखाया अपने
-०-
उलझन भरी जीवन को नयीं राह दिखाया अपने
तड़प रही थी दुनियाँ जब घोर अंधकार ब्याप्त निशाचरों से
खुद जलकर दूसरों को प्रकाशवान बनाया आपने
लड़ रही थी दुनियाँ छुआ-छूत और भेदभाव से
दुश्मनी भुलाकर मैत्री-भाव का हाथ बढ़ाया आपने
बुराइयों का रोग हटाकर भलाई का ज्ञान फैलाकर
अनेंकता में एकता का मंत्र देकर सदभाव का परचम भी लहराया आपने
कर्म की महत्ता, "जिओ और जीने दो" का दिया आपने उपदेश
ज्ञान की निर्मल गंगा बहाकर दूर कर दिये आपने समाज के सारे क्लेश
सत्य,निडर और साहस का पाठ पढ़ाया आपने
उलझन भरी जीवन को नयीं राह दिखाया अपने
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