उड़ना चाहती हूं , बेखोफ
पापा पंख मुझे ला दो।
आगे बढ़ना चाहती हूं, बेखौफ
थोड़ा सा साहस मेरा बढ़ा दो।
कोन सा है समाज,जो कहता
बेटी को छोड़, बेटे को अच्छा
पढ़ा दो।
तो ऐसे में , पापा
उन्हें समझा दो ,में भी हूं
आपके दिल का टुकड़ा
उन्हें अच्छे से बतला दो।
नहीं रुकुगी, नहीं थकुगी
बस ,आप पंख मुझे ला दो।
-०-
पता:सोनिया सैनी
जयपुर (राजस्थान)
-०-
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Bahut sundar
ReplyDeleteबहुत अच्छा
ReplyDeleteसार्थक प्रयास सोनिया जी