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Monday, 26 October 2020

"चुनावी गीत" ( व्यंग कविता) - अभियंता प्रिंस कुमार

 

"चुनावी गीत"
(व्यंग्य कविता)

(तर्ज :-आओ बच्चे तुम्हें दिखाएं झांकी हिंदुस्तान की..... )
आओ बच्चों तुम्हे बतायें,
 शैतानी शैतान की... ।
नेताओं से बहुत दुखी है,
 जनता हिन्दुस्तान की...।।

बड़े-बड़े नेता शामिल हैं,
 घोटालों की थाली में ।
सूटकेश भर के चलते हैं,
 अपने यहाँ दलाली में ।।

देश-धर्म की नहीं है चिंता,
 चिन्ता निज सन्तान की ।
नेताओं से बहुत दुखी है,
 जनता हिन्दुस्तान की...।।

चोर-लुटेरे भी अब देखो,
 सांसद और विधायक हैं।
सुरा-सुन्दरी के प्रेमी ये,
 सचमुच के खलनायक हैं ।।

जनता के आवंटित धन को,
 आधा मंत्री खाते हैं ।
बाकी में अफसर ठेकेदार,
 मिलकर मौज उड़ाते हैं ।।

लूट खसोट मचा रखी है,
 सरकारी अनुदान की ।
नेताओं से बहुत दुखी है,
 जनता हिन्दुस्तान की...।।

थर्ड क्लास अफसर बन जाता,
फर्स्ट क्लास चपरासी है,
होशियार बच्चों के मन में,
 छायी आज उदासी है।।

गंवार सारे मंत्री बन गये,
 मेधावी आज खलासी है।
आओ बच्चों तुम्हें दिखायें,
 शैतानी शैतान की...।।

नेताओं से बहुत दुखी है,
जनता हिन्दुस्तान की.... |
-०-

पता
अभियंता प्रिंस कुमार
सोनदीपी, बेगूसराय (बिहार)

-०-



***
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