*** हिंदी प्रचार-प्रसार एवं सभी रचनाकर्मियों को समर्पित 'सृजन महोत्सव' चिट्ठे पर आप सभी हिंदी प्रेमियों का हार्दिक-हार्दिक स्वागत !!! संपादक:राजकुमार जैन'राजन'- 9828219919 और मच्छिंद्र भिसे- 9730491952 ***

Thursday, 17 December 2020

मजदूर.... (कविता) - सरिता सरस

 

मजदूर....
(कविता)
मजदूर....
तुम्हारी पीड़ा
छलनी कर रही मेरा हृदय,
किस तरह छले जाते हो तुम!!
भारत के नीव के
निर्माता......
तड़प उठती हूं मैं
तुम्हारे पाँवों के छाले देखकर,
आँखों में खून बन
दर्द उतर आता है...
तुम्हारे पीछे
तुम्हारे परिवार का जर्द पड़ा चेहरा
सीने में घाव - सा
बन जाता है...
जब देखती हूं
तुम्हारे पाँवों से रिसता खून
जी करता है..
फेफड़े से नसें निकाल कर
टांक दूँ इन्हें....
खौल उठता है पूरा ज़मीर
जी करता है आग लगा दूं
स्वार्थ से बिके लोगों में.......
-०-
पता:
सरिता सरस
गोरखपुर (उत्तर प्रदेश)
-०-



सरिता सरस जी की अन्य रचनाएँ पढ़ने के लिए नाम के शीर्षक चित्र पर क्लिक करें !
***
मुख्यपृष्ठ पर जाने के लिए चित्र पर क्लिक करें 

No comments:

Post a Comment

सृजन रचानाएँ

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित
हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ