(कविता)
शिक्षा में नवाचार कोरोना लेकर आया है
घर बैठे स्कूल लग रहे ऑनलाइन पढ़वाया है
क्या होगा नन्हे मुन्नों का प्राथमिकी के पाठ पढ़ रहे
झाड़ू पोंछा वाली माई पर बोलो क्या उपकार कर रहे
शालाएं तो बंद पड़ी हैं मोबाइल बिन ज्ञान दे रहे
बिन कक्षा और परीक्षा का छात्रों को उपहार दे रहे
अध्ययन अध्यापन की शर्तों को तुम याद करो
मध्यान्ह भोजन की बचत राशि का ध्यान धरो
उसी राशि से घर घर में एंड्राइड का विस्तार करो
झुग्गी पथ गामी बच्चों की पढ़ने की योजना धरो
बिना पढ़ाई और परीक्षा कक्षोन्नति निराली है
बिन बोए बिन सींचे कैसे क्यारी में हरियाली है
यदि आम हथेली पर उग जाए क्यों खेती अपनाएंगे
पेट भरे बिन कौर निवाला क्यों पानी पेट हिलाएंगे
सेटेलाइट से शिक्षा दीक्षा बटुक को पंगु बनाएंगे
जिनकी लाठी में बल है भैंस वही ले जाएंगे।।
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पता:
हार्दिक हार्दिक बधाई है आदरणीय !
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