(कविता)
चेहरे की हंसी
दिल की खुशी
कुछ पल
तेरे पास
आकर रुकी
हाले-ए-दिल
सुनाया, फिर....
चेहरे की हंसी
दिल की खुशी
कुछ पल तेरे पास
आकर रुकी
बेचैन होकर
डर कर जुदाई से
"लौट आई"
दरवाजे पर
आहट के साथ
तेरे पास!
चेहरे की हंसी
दिल की खुशी
कुछ पल तेरे पास
आकर रुकी...!
आगे बढ़ चली
चेहरे की हंसी
दिल की खुशी
कुछ पल
तेरे पास
आकर रुकी
हाले-ए-दिल
सुनाया, फिर....
चेहरे की हंसी
दिल की खुशी
कुछ पल तेरे पास
आकर रुकी
बेचैन होकर
डर कर जुदाई से
"लौट आई"
दरवाजे पर
आहट के साथ
तेरे पास!
चेहरे की हंसी
दिल की खुशी
कुछ पल तेरे पास
आकर रुकी...!
आगे बढ़ चली
-०-
सुरेखा शर्मा 'सुनील'
-०-
No comments:
Post a Comment