चिकित्सा एक पवित्र व मानवीय कार्य
(आलेख)
देश भर में आज चिकित्सा की अनेक पैथियां है । हर पैथी की अपनी विशेषता है । वही हर चिकित्सा पद्धति में निरन्तर शोध हो रहे हैं ताकि बेहतर और स्वस्थ भारत का निर्माण हो सके । आज चिकित्सा की अनेक संस्थाओं से जुडे लोग भिन्न-भिन्न पैथी में ज्ञानार्जन कर उपाधियां हासिल कर रहे है उनको अपने व्यवहारिक जीवन मे समाज के हित में इनका उपयोग करना चाहिए ।
जीवन, वाणी एवं मे सदैव स्वंय को इस उपाधि के योग्य प्रमाणित करें । हर चिकित्सा पैथी का अपना महत्व है सभी पैथी है उसमें एक पैथी और है वह है एम पैथी अथति आत्मानुभूति । इस पैथी को रोगी के साथ जोडने की जरूरत है । कोई भी रोगी व तीमारदार जब हार जाता है तो वह चिकित्सक को भगवान मानता है । चिकित्सक एम पैथी आत्मानुभूति का समावेश कर रोगी को अच्छी राहत दे सकते हैं । चिकित्सा केवल पैसा कमाने का साधन नहीं है । यह एक पवित्र व मानवीय कार्य है । पीडित मानवता के आंसू पोछ दे न मालूम उनको कितना लाभ मिलेगा । हर पैथी में विशेषज्ञता हासिल करने वाले एम पैथी आत्मानुभूति की भावना को विकसित करें । यही मानवता का सबसे बडा धर्म है ।
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सुनील कुमार माथुर ©®जोधपुर (राजस्थान)
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