हो रहा आजकल इंसान का सौदा
हक - हक़ूक़ और ईमान का सौदा
जंग इंसाफ़ की हम रह गए लड़ते
कर लिया उसने हुक्मरान का सौदा
खूब सियासत चमका रहा था अपनी
करके वो अम्नो- अमान का सौदा
आदतन उसने तो झुठ बोला था
वो कर गया उसकी ज़ुबान का सौदा
हो रहा है आजकल इंसान का सौदा
हक़ - हक़ूक और ईमान का सौदा_
-0-
पता:
मोहम्मद मुमताज़ हसन
गया (बिहार)
No comments:
Post a Comment