(कविता)
तापमान जिस तरह
मौसम के हिसाब से
बदलता है
हम प्रभावित होते हैं
शब्दों का तापमान भी
ऐसा ही होता है
शब्द का ताप
सीधे ह्रदय पर
घात करता है
शब्दों का मधुर गान
मरहम लगाता है
हमें चुनना है
शब्दों की मापनी
जिसका ताप
मौसम की गर्मी को
शीतलता में बदल दे !
-०-
श्रीमती अनिता मंदिलवार 'सपना'
जरहागढ़ शिव मंदिर के पास अंबिकापुर सरगुजा छतीसगढ़
-०-
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