विदाई आपको ! 2019 जी
(कविता)
कल रात मैने पूछा 2019 जी से,
"जा रहे हो आप आज ?
विदाई ले रहे हो हमसे आप !
आप खुशी -खुशी जाओ । "
साथ मे आपसी रंजिश और ,
दुश्मनी को भी साथ ले कर जाना ।
हम सभी के लिए फूलो सी खुश्बू
और मुस्कुराहट बिखेरते हुए जाना ।
दोस्तो के साथ दोस्ती बरकरार रहे
ऐसा हम सभी के लिए दुआ दे जाना ।
चारों तरफ सुख शांति और खुशी हो
ऐसा माहौल हमे सौगात मे देकर जाना ।
अगर हमसे कोई गलती हो गई हो तो,
सारे शिकवे गिले भुलाकर हमे माफ कर जाना ।
अमीर -गरीब ,लंगरा -बहरा ,काला-गोरा
सभी एक-दूसरे के काम आ सके
सभी एक-दूसरे के साथ कंधे से कंधा
मिलाकर रहे सके ऐसा तू कोई चमत्कार कर जाना ।
सुरेश शर्मा
-०-
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