हमारी शिक्षा व्यवस्था
(कविता)
हमारी शिक्षा व्यवस्थाहमसे यही चाहती-
रटो तोते की तरह
भागो घोड़े की तरह
सिलेबस ढ़ोओ गदहे की तरह
डिग्री इक्ट्ठा करो ऊंट की तरह
नौकरी के लिए भटको छछूंदर की तरह,
कहना तो नहीं चहता था
लेकिन कहता हूं-
अगर पाना चाहते हो सर्वसुख
तो दूम हिलाओ कुत्ते की तरह,
नाचो इशारे पर बंदर की तरह ।
-०-
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