उसने अपना घर
(गजल)
उसने अपना घर क्या बदला
बस्ती का ही नक़्शा बदला
रोज़ाना इक चेहरा बदला
यानी वो फ़ैशन - सा बदला
उसने अपना लहजा बदला
मैंने अपना रस्ता बदला
अरसे बाद मिला हूँ ख़ुद से
सब लगता है बदला - बदला
भूल चुका हूँ दुश्मन को ही
फिर क्या बदला कैसा बदला
-०-
पता:
विज्ञान व्रत
नोएडा (उत्तर प्रदेश)
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