मसीहा
गरीबों के मसीहा सोनू सूद जी को समर्पित मेरी यह कविता
जय जय सोनू सूद भाई।
महिमा तुम्हरी वरन न जाई।।
कार्य तुम्हारो जन-जन जाने।
तुम्हारो लोहा दुनिया माने।।
तुम उपकार मजदूरन कीन्हा।
उन्हें जो घर तुम भिजवा दीन्हा।।
चहुंदिश जय जयकार तुम्हारी।
सदा रहो खुश दुआ हमारी।।
ट्विटर पर जो अर्जी लगावै।
तुरत सहायता वो नर पावै।।
सरल शांत है स्वभाव तुम्हारा।
हर दिल में है प्रभाव तुम्हारा।।
मजदूरन के हो तुम स्वामी।
पीड़ा जो उनकी पहचानी।।
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