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Sunday, 16 August 2020

दिल क्यूँ है (ग़ज़ल) - नदीम हसन चमन

दिल क्यूँ है
(ग़ज़ल) 
दिल क्यूँ है तिरा शिकार बोल
मैं कौन  हूँ  बोल  दीवार बोल

हो गयी है दुश्मन जान ही मेरी
रूह  कब  से  है बे क़रार बोल

दो  चार  रिश्ता  ख़रीद लेने दे
फिर मुहब्बत को बाज़ार बोल

कौन  किसका है नीलामी में
अपने नाम का इश्तेहार बोल

ये तन्हाई पहरे वीरानी अंधेरा
जिसको चाहे वफ़ादार बोल

आँसु आँखों से लिपट गये हैं
इश्क़  लिख  या  अंगार बोल

हर इक चीज़ तेरी अच्छी है
नदीम पसंद हो तो यार बोल
-०-
पता
नदीम हसन चमन
गया (बिहार) 
-०-


***
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