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Sunday, 27 September 2020

पितृ पक्ष (कविता) - प्रीति चौधरी 'मनोरमा'

 

पितृ पक्ष
(कविता) 
पितृ पक्ष में हम अपने पितरों का स्मरण करते हैं,
श्रद्धा पूर्वक अपने पूर्वजों का तर्पण करते हैं,
 पिंडदान की यह रीति है बहुत पुरातन,
 हृदय प्रसूनों का भावपूर्वक अर्पण करते हैं।

पूर्वज पूजा की यह प्रथा बहुत प्राचीन है,
 बिन पूर्वजों के हमारा जीवन प्राण- विहीन है,
 आभारी हैं हम अपने पितृ जनों के बहुत,
उनके स्नेहरूपी मेघों से आच्छादित हृदय जमीन है।


इसे अपर पक्ष नाम से भी जानते हैं हम,
पितरों को अपना सर्वस्व मानते हैं हम,
सोलह दिन की अवधि का होता है पितृ पक्ष,
पूर्वजों हेतु ब्रह्मभोज को मानते हैं हम।
-०-
पता
प्रीति चौधरी 'मनोरमा'
बुलन्दशहर (उत्तरप्रदेश)


-०-


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