फायदे
(लघुकथा)
सार्वजनिक पार्क में योगराज 'अनुलोम-विलोम', 'कपाल-भाति',व 'सूर्य नमस्कार प्राणायाम' करके उठा ही था कि उसके पास दस वर्षीय बालक आदित्य आया। नमस्कार करके उसने पूछा, "अंकल जी ! मैं आपके सामने वाली बेंच पर बैठा आपको प्राणायाम करते हुए देख रहा था। प्राणायाम करने से क्या लाभ हैं तथा इनके करने की विधि क्या है? क्या आप मुझे ये प्राणायाम करना सिखा सकते हैं ?"
क्यों नहीं बेटे ? यदि तुम्हारी इच्छा है तो मैं तुम्हें अवश्य सिखाऊँगा,पर पहले तुमअपना नाम बताओ, कहाँ रहते हो ,किसके साथ पार्क में सैर करने के लिए आए हो ? ये तो बताओ ।"
"ठीक है अंकल जी' मेरा नाम आदित्य है। हमारा घर पास में ही है। मैं अपनी मम्मी के साथ पार्क में प्रति दिन सैर करने के लिए आता हूँ।वहाँ सामने देखो मम्मी बेंच पर बैठी हुई हमें बातें करते हुए देख रही है। मैं उनसे पूछ कर ही आपके पास आया हूँ।"
"बहुत अच्छा बेटे आदित्य ,तुम तो बड़े स्मार्ट ,होशियार और तेजस्वी हो। 'यथा नाम तथा गुण '। आदित्य का अर्थ सूर्य होता है। बेटे, प्राणायाम करने के बहुत फ़ायदे हैं।शरीर स्वस्थ,
ऊर्जावान,स्फूर्तिवान ,लचीला,और बलवान होता है।मनोबल बढ़ता है,बुद्धि तेज होती है,मन में साहस का संचार होता है और आत्मोन्नति होती है।"
" ठीक है अंकल जी, फिर आप मुझे प्राणायाम करना सिखाइए।"
"बेटे,आज तो समय हो चुका है। कल से आपको सिखाऊँगा। आप ठीक समय आ जाना।"
"अच्छा प्रणाम।"
"आशीर्वाद।"
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