कोरोना में बिछड़ता बचपन
ऑनलाइन पढ़ाई से,मिल जाए छुटकारा
कोई ना समझे,कोई ना जाने दुख हमारा।
संगी साथी के साथ पढ़ने का होता है,मजा कुछ ओर
यहां ऑनलाइन पर देखते देखते ,एक दूसरे को ढूंढ ढूंढ ऊब
गए हम दोस्त।
हे भगवान जल्दी से कोई चक्कर चला दे,इस कोराना
को तुम भगा दे,हमारी स्कूल की मस्ती और आजादी के
दिन फिर से ला दे।
लोटा दे बेखौफ खेलना,एक दूसरे के करीब से बोलना
संगी साथी के संग बाहर घूमना।
पिज़्ज़ा बर्गर आइसक्रीम कोलड्रिंक पर भी लगा है
कितना बेन,बाहर की चीजे खाने को मन रहता है, बेचैन।
घर पर लगा है बड़ो का पहरा, कोराना है फैला
कहकर नहीं जाने देते वो बाहर,
मोबाइल टीवी देख देख कर, हो गई आंखे लाल
अब तो कोराना चला जा, खराब तो कर दिया पूरा साल।
-०-
पता:सोनिया सैनी
जयपुर (राजस्थान)
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