नया साल
(कविता)
आओ जशन मनाओ नया साल आ रहा है ।
ईमान की दौलत लेकर नया साल आ रहा है ।।
मुबारक हो वतन के हर खाश-ओ-आम को ।
ढेर सारी खुशियाँ लेकर नया साल आ रहा है ।।
मुल्क की तरक्की के लिए हम सब दुआ करें ।
अमन का पैग़ाम लेकर नया साल आ रहा है ।।
ज़लज़ले-हादसों से हो वतन की हिफाजत।
भाईचारे का पैकर बनकर नया सालआ रहा है।।
हुक्मरानो जरा सोचो ये मुल्क हम सब का है ।
नफरत के बादल छांटने नया साल आ रहा है।।
जन-जन को खुशहाली की ढेरों सौगात मिले।
आवाम की आवाज़ बन नया साल आ रहा है ।।
जमाने भर की बुराइयाँ मुल्क से हो रफा दफ़ा ।
इंसानियत का तौफा बन नया सालआ रहा है।।
मुल्क में जय-जयकार की सदाएं बुलन्द हो।
नूर का उजाला लेकर नया साल आ रहा है ।।
जन-जन नैतिक मूल्यों व् कर्तव्य का पालन करें।
"नाचीज़"हसीन जज्बात ले नया सालआ रहा है।।
-०-
ईमान की दौलत लेकर नया साल आ रहा है ।।
मुबारक हो वतन के हर खाश-ओ-आम को ।
ढेर सारी खुशियाँ लेकर नया साल आ रहा है ।।
मुल्क की तरक्की के लिए हम सब दुआ करें ।
अमन का पैग़ाम लेकर नया साल आ रहा है ।।
ज़लज़ले-हादसों से हो वतन की हिफाजत।
भाईचारे का पैकर बनकर नया सालआ रहा है।।
हुक्मरानो जरा सोचो ये मुल्क हम सब का है ।
नफरत के बादल छांटने नया साल आ रहा है।।
जन-जन को खुशहाली की ढेरों सौगात मिले।
आवाम की आवाज़ बन नया साल आ रहा है ।।
जमाने भर की बुराइयाँ मुल्क से हो रफा दफ़ा ।
इंसानियत का तौफा बन नया सालआ रहा है।।
मुल्क में जय-जयकार की सदाएं बुलन्द हो।
नूर का उजाला लेकर नया साल आ रहा है ।।
जन-जन नैतिक मूल्यों व् कर्तव्य का पालन करें।
"नाचीज़"हसीन जज्बात ले नया सालआ रहा है।।
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