*** हिंदी प्रचार-प्रसार एवं सभी रचनाकर्मियों को समर्पित 'सृजन महोत्सव' चिट्ठे पर आप सभी हिंदी प्रेमियों का हार्दिक-हार्दिक स्वागत !!! संपादक:राजकुमार जैन'राजन'- 9828219919 और मच्छिंद्र भिसे- 9730491952 ***

Wednesday, 13 November 2019

मानव हूँ (कविता) - मुकेश कुमार 'ऋषि वर्मा'


मानव हूँ
(कविता)

मानव हूँ मानवता की बात करुँगा,
एक बार नहीं मैं तो दिन-रात करुँगा |
बैर मेरा तम भरी काली रातों से -
मैं उज्ज्वल प्रकाश की बात करुँगा ||


भेदभाव, आडंबर का हो विनाश,
फैले जग में सत्य ज्ञान प्रकाश |
भारत बने हमारा विश्वगुरु -
अज्ञान-अंधेरे का हो सर्वनाश ||


ओउम ध्वजा फहराये घर-घर,
ज्ञान-यज्ञ, वेदकथा हो हर-घर |
ये जग ही स्वर्ग बन जायेगा -
मिट जायेगा हर आसुरी ड़र ||
-०-
मुकेश कुमार 'ऋषि वर्मा'
ग्राम रिहावली, डाक तारौली गुर्जर, फतेहाबाद, आगरा, उ. प्र. 
-०-

***
मुख्यपृष्ठ पर जाने के लिए चित्र पर क्लिक करें 

No comments:

Post a Comment

सृजन रचानाएँ

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित
हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ