हमारे चाचा नेहरू
(कविता)
लाखो बच्चों की दिल की धड़कन ,
चीर परिचित थे चाचा नेहरू हमारे ।
टोपी उनके सर पे शोभता और ,
गुलाब उनके कोट पर चमकता ।
बहुत ही शौकीन थे हमारे चाचा नेहरू
भारत के चाचाजी सदा थे यही कहते,
बच्चों देश के जीवन हो आप ;
तिमिर को हरना काम है आपका ।
भविष्य उज्जवल बनाओ अपना ,
तो होगा ऊॅचा एकदिन नाम आपका।
लाल गुलाबी नीले पीले सभो फूलों मे ,
हृदय की तरह धे वो बसते ।
बगिया मे जब-जब थे फूल खिलते ,
लगता था तब-तब चाचाजी हंसते।
हंसते गाते सदा मुस्कुराते रहना ,
फूलों से मांगते थे वो जीवन वैसे।
हो हमारा वैसा हीं जीवन,
फूलों -सा सदा मुस्कुराहट बिखेरते ।
सुख -दःख दोनो मे एक हीं जैसे,
मन्द - मन्द मुस्कान मे खेलते ।
प्रकृति से हम मांगे वैसा ही जीवन,
जैसे फूल और कली हंसी बिखेरते ।
-०-
सुरेश शर्मा
-०-
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बहुत सुन्दर कविता है।
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