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Wednesday, 13 November 2019

हमारे चाचा नेहरू (कविता) - सुरेश शर्मा

हमारे चाचा नेहरू
(कविता)

लाखो बच्चों की दिल की धड़कन ,
चीर परिचित थे चाचा नेहरू हमारे ।
टोपी उनके सर पे शोभता और ,
गुलाब उनके कोट पर चमकता ।
बहुत ही शौकीन थे हमारे चाचा नेहरू

भारत के चाचाजी सदा थे यही कहते,
बच्चों देश के जीवन हो आप ;
तिमिर को हरना काम है आपका ।
भविष्य उज्जवल बनाओ अपना ,
तो होगा ऊॅचा एकदिन नाम आपका।

लाल गुलाबी नीले पीले सभो फूलों मे ,
हृदय की तरह धे वो बसते ।
बगिया मे जब-जब थे फूल खिलते ,
लगता था तब-तब चाचाजी हंसते।

हंसते गाते सदा मुस्कुराते रहना ,
फूलों से मांगते थे वो जीवन वैसे।
हो हमारा वैसा हीं जीवन,
फूलों -सा सदा मुस्कुराहट बिखेरते ।

सुख -दःख दोनो मे एक हीं जैसे,
मन्द - मन्द मुस्कान मे खेलते ।
प्रकृति से हम मांगे वैसा ही जीवन,
जैसे फूल और कली हंसी बिखेरते ।
-०-
सुरेश शर्मा
द्वारा श्री गिरीश चन्द्र मेधि, शंकर नगर, पोस्ट एवं थाना नूनमाटी,
शहर गुवाहाटी,जिला कामरूप (आसाम)
-०-

 ***
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1 comment:

  1. बहुत सुन्दर कविता है।

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