*** हिंदी प्रचार-प्रसार एवं सभी रचनाकर्मियों को समर्पित 'सृजन महोत्सव' चिट्ठे पर आप सभी हिंदी प्रेमियों का हार्दिक-हार्दिक स्वागत !!! संपादक:राजकुमार जैन'राजन'- 9828219919 और मच्छिंद्र भिसे- 9730491952 ***

Tuesday 21 January 2020

बच्चों को अपनी प्रतिभा को निखारने का पूरा मौका दीजिए (आलेख) - सुनील कुमार माथुर

बच्चों को अपनी प्रतिभा को निखारने का पूरा मौका दीजिए
(आलेख)
प्रायः जब बचपन में बच्चे कुछ करना चाहते है तो माता पिता उसे टोक देते हैं और उसे अपने मन की नहीं करने देते हैं । यही से उनकी प्रतिभा दब जाती है बच्चे मन के सच्चे होते हैं । उनमें हुनर कूट कूट कर भरा होता है । बस आवश्यकता है उसे प्रोत्साहित करने की फिर देखिये बच्चों के हुनर को देखकर आप भी दंग रह जायेंगे ।
यह ठीक हैं कि पढने के वक्त बच्चों को पढना चाहिए । खेलने के वक्त खेलना चाहिए । अभिभावको को बच्चों के लिए घर पर एक टाईम टेबल बनाना चाहिए । जैसे कि बच्चा जब स्कूल से आये तो उससे कहे कि वह बस्ता सही जगह पर रखे जूते मौजे सही जगह रखे । स्कूल की ड्रेस बदल कर हाथ मुंह धोये एवं फिर भोजन करें ।
भोजन करने के बाद कुछ समय आराम करे एवं फिर स्कूल का होमवर्क करे । तत्पश्चात ही टी वी देखे या अपने मन का कोई खेल खेले । इसी तरह से शाम का टाईम टेबल होना चाहिए । अब गर्वित को ही लिजिये । वह स्कूल का होमवर्क करने के बाद खाली वक्त में कभी संगीत की धुनें निकालता है तो कभी खेल खिलौने बनाता है । यहां तक की गणेश महोत्सव पर गणेश जी की प्रतिमा बनाता है तो दशहरे पर रावण का पुतला बनाकर उसका दहन करता है । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छता का नारा दिया तो गर्वित स्कूल में साफ ड्रेस के कारण स्वच्छता मे प्रथम आया और स्कूल प्रशासन ने उसे प्रोत्साहित करने के लिए प्रमाण पत्र दिया ।
ठीक इसी प्रकार निमित्त को भी कुछ न कुछ करने की लगी रहती है । अभिभावकों की डांट-डपट के बावजूद भी वह स्कूल में कभी फैंसी ड्रेस में भाग लेता है तो कभी कविता पाठ में तो कभी तैराकी में । जब तक हम बच्चों को प्रोत्साहित नहीं करेंगे तब तक उसकी प्रतिभा में निखार नहीं आयेगा । कोई भी व्यक्ति हुनर अपनी मां के पेट में नहीं सीखता है । बच्चों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दीजिए ।
हर बच्चे की रूचि अलग-अलग होती हैं । कोई कविता पाठ करता है तो किसी की नाटक में रूचि है । बच्चों को कविता पाठ, नाटक , लेखन , पेंटिंग, खेलकूद, पढने लिखने , खाना बनाने, साज सज्जा, सिलाई बुनाई , चित्रकारी , गीत संगीत, व कुछ नया करने का मौका दीजिये ।
बच्चों को हर वक्त पढने के लिए न टोके । अगर कोई बच्चा शारीरिक रूप से विकलांग है तो उसका मजाक न उडाये । उन्हें दया कि नहीं कुछ नया कर गुजरने के लिए प्रोत्साहन दीजिए । उन्हें प्रतिभा को निखारने का पूरा मौका दीजिए । बच्चों का सही मार्ग दर्शन कीजिए । शहीदों व महापुरुषों की जीवनियां पढने के लिए दीजिए । उन्हें संस्कारवान बनाइये । धार्मिक पुस्तकें पढने के लिए दीजिए । चूंकि अच्छी पुस्तकें बच्चों की क्षेष्ठ मित्र होती है । इन्हीं के माध्यम से उनका ज्ञानवर्धन होता है ।
-०-
सुनील कुमार माथुर ©®
जोधपुर (राजस्थान)

***

***
मुख्यपृष्ठ पर जाने के लिए चित्र पर क्लिक करें 

No comments:

Post a Comment

सृजन रचानाएँ

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित
हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ