हिन्दी वर्णमाला के व्यंजनों की गज़ल
(ग़ज़ल)
कभी किसी के साथ भूलकर मत अन्याय करें,
खण्डित रहे न कोई सबको एकाकार करें|
गलत-सही का ज्ञान रहे हम इतना ध्यान रखें,
घड़ी-घड़ी हम कदम बढ़ाकर मंजिल पार करें|
ङ से भी रखें वास्ता यह भी अक्षर प्यारा,
चलो चलें जग से दुष्टों का हम नाश करें|
छलें किसी को नहीं और धोखे से दूर रहें,
जले प्यार का दीपक उर में यह प्रयास करें|
झगड़ा-झंझट से अब हम सब कोसों दूर रहें,
ञ से प्रेरित होकर दुःख में भी परिहास करें|
टन –टन करती घड़ी हमेशा आगे बढ़ा करे,
ठण्डक लगे नहीं हम इसका भी उपचार करें|
डली – पान - तम्बाकू का हम सेवन नहीं करें,
ढककर रखें अन्न-जल हम सब इतना ख्याल करें|
ण से हो परहेज नहीं यह अक्षर पावन-प्यारा,
तपन हृदय कि दूर करें हम मन भी शान्त करें|
थकन भूलकर मेहनत से अब मिलकर काम करें,
दर्द सभी का हरें दुखी का दुःख में साथ करें|
धर्म यही कहता है सबका हम सत्कार करें,
नहीं कभी भी रोयें खुशियों का भण्डार भरें|
परशुराम बन करके जीवन का उद्धार करें,
फल की इच्छा रखें नहीं हम केवल काम करें|
बन्धु समझकर सबको सबसे सद्व्यवहार करें,
भक्ति-भाव से सब धर्मों का हम सम्मान करें|
मन के सारे भेद मिटाकर सबसे प्यार करें,
‘यहाँ सभी हैं एक’ मन्त्र का हम उच्चार करें |
रहे न कोई दुश्मन मन में ऐसा भाव रहे,
लगन और मेहनत से हम सब सारे काम करें|
वक्त कभी बेकार न जाये यह प्रयास करें,
शहर-गाँव में ज्ञान-दीप से हम प्रकाश करें|
ष से है षटकोण न भूलें यह भी याद करें,
सभी रहें मिल जुलकर समता का हम पाठ करें|
हम अपने भारत का मिल करके सम्मान करें,
क्षमा करें छोटों को अग्रज पर अभिमान करें|
त्र पढ़ करके तीन लोक तक जन कल्याण करें,
ज्ञ से ज्ञान बाँटकर जग में हम उपकार करें|
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बहुत सुंदर सृजन । हार्दिक बधाई
ReplyDeleteसुन्दर
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