*** हिंदी प्रचार-प्रसार एवं सभी रचनाकर्मियों को समर्पित 'सृजन महोत्सव' चिट्ठे पर आप सभी हिंदी प्रेमियों का हार्दिक-हार्दिक स्वागत !!! संपादक:राजकुमार जैन'राजन'- 9828219919 और मच्छिंद्र भिसे- 9730491952 ***

Tuesday 14 January 2020

ऊँचाइयों पर तो आसमान है (कविता) - सविता दास 'सवि'


ऊँचाइयों पर तो आसमान है
(कविता)
विवश होकर
क्यों कुछ करना है
कर्तव्य के पथ पर
दृढ़ संकल्पित होकर
यूँही बस चलना है
त्याग और संघर्ष
एक सिक्के के
दो पहलू हैं
व्यक्तित्व अपना
इसीसे तो
निखरना है
आँसूं आए तो
बहने देना
कुछ अंतर में भी
जमने देना
देखना ये बूंदे ही
एक दिन चट्टान
बन जाएंगी
आनेवाली पीढ़ी फिर
इनमे प्रेरणा की
कहानियाँ लिख पाएंगी
आज कठिन लग रहा जो
कल सरल हो जाएगा
इन क्षणिक कठिनाइयों
के सामने तेरा
प्रण और कठिन हो जाएगा
अपने पे आजा तू
देख तेरी क्षमता
जिसके सामने
हर बाधा धराशायी है
तेरी छलांग से बड़े गड्ढे
किसने यहाँ बनाए हैं
तू जानता है
आत्मबल ही
तेरी पहचान है
तू बस जड़ो को
फैला अपनी ज़मीन पर
अनन्त उँचाई पर तो
अभी आसमान है।
-०-
सविता दास 'सवि'
शोणितपुर (असम) 


-0-
***
मुख्यपृष्ठ पर जाने के लिए चित्र पर क्लिक करें 

1 comment:

  1. सुन्दर कविता के लिये आप को बधाई है।

    ReplyDelete

सृजन रचानाएँ

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित
हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ