होली है
(कविता)
एकता और प्रेम का त्यौहार होली है।धरती की सुंदरता का श्रृंगार होली है।
बरसाने की सुप्रसिद्ध लठ्ठ मार होली है।
वहीं बुलंदशहर की प्रचलित वस्त्र फाड़ होली है।
कान्हा के मूरली की तान होली है।
अयोध्या के राम जी की शान होली है।
भूला दे जात और पात होली है।
मिटा दे जो भेद और भाव होली है।
जगा दे जो हृदय में वो चाव होली है।
मिटा दे जो दिल के पुराने घाव होली है।
गुजिया और सेवंई की मिठास होली है।
पकौड़े के संग चटनी की खटास होली है।
एक दूसरे का उड़ा दे जो उपहास होली है।
मानवता सद्भाव के लिए खास होली है।
बड़े बुजुर्गों बच्चों का विस्वास होली है।
मित्रता और प्रेम का एहसास होली है।
देवरों के दिल का करार होली है।
भाभियों पर रंग की बौछार होली है।
रंग बिरंगे रंगों की बहार होली है।
भारतीय संस्कृति और संस्कार होली है।
होली है होली है खुश मिजाज होली है।
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अजय कुमार व्दिवेदी
अजय कुमार व्दिवेदी
दिल्ली
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