(कविता)
शिक्षा की मैं नींव रखूँ
राष्ट्र के नव निर्माता की
ज्ञान की मैं अलख जगाऊँ
विद्या,अध्ययन ,बुद्धि की।
तन और मन से सींचूँ उनको
बगिया की मैं उनको बहार बनाऊँ
वैदिक शिक्षा से लेकर मैं
विज्ञान के हर तर्क सिखाऊँ।
व्यवहारिक शिक्षा की नींव रखूँ मैं
भौतिकता से अवगत कराऊँ
भरत,एकलव्य, लव-कुश जैसे
वीर बहादुर शिष्य बनाऊँ।
मान-,प्रतिष्ठा का मैं न भूखा
बच्चों का मैं अभिमान हूँ
गुरु,सारथी,मार्गदर्शक और
हर विद्यार्थी का ज्ञान हूँ।
राष्ट्र के नव निर्माता की
ज्ञान की मैं अलख जगाऊँ
विद्या,अध्ययन ,बुद्धि की।
तन और मन से सींचूँ उनको
बगिया की मैं उनको बहार बनाऊँ
वैदिक शिक्षा से लेकर मैं
विज्ञान के हर तर्क सिखाऊँ।
व्यवहारिक शिक्षा की नींव रखूँ मैं
भौतिकता से अवगत कराऊँ
भरत,एकलव्य, लव-कुश जैसे
वीर बहादुर शिष्य बनाऊँ।
मान-,प्रतिष्ठा का मैं न भूखा
बच्चों का मैं अभिमान हूँ
गुरु,सारथी,मार्गदर्शक और
हर विद्यार्थी का ज्ञान हूँ।
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