जंगल में पशुपक्षियों ने मिल
दीवाली का पर्व मनाया।
खेले-कूदे, झूमे-नाचे
हँसते-गाते हर्ष मनाया।।
चूहे, बिल्ली, लोमड़, बंदर
कचरा सारा ले गए ढोकर।
कौए, गलगल लीप-पोतकर
थककर लेटे बिछौने पर।।
चिड़ियों, तोतों ने पंखों से
मिलकर बढ़िया चौक बनाया।
जंगल मेंं पशुपक्षियों ने मिल
दीवाली का पर्व मनाया।।
घोड़े, भैंसे शहर से आए
मिठाई और फटाके लाए।
हाथी अपनी सूँड़ में लिए
लक्ष्मीजी की फोटो लाए।।
कछुए, खरगोशों ने मिल
फिर पूजा का थाल सजाया।
जंगल में पशु पक्षियों ने मिल
दीवाली का पर्व मनाया।।
जब जंगल के राजा आए
पूजन कर फिर दीप जलाए।
गधेलाल जी बाजा लाए
सबने मिलकर गाना गाए।।
पक्षियों ने फुलझड़ी चलायी,
पशुओं ने मिल बम चलाया।
जंगल में पशुपक्षियों ने मिल
दीवाली का पर्व मनाया।।
दीवाली का पर्व मनाया।
खेले-कूदे, झूमे-नाचे
हँसते-गाते हर्ष मनाया।।
चूहे, बिल्ली, लोमड़, बंदर
कचरा सारा ले गए ढोकर।
कौए, गलगल लीप-पोतकर
थककर लेटे बिछौने पर।।
चिड़ियों, तोतों ने पंखों से
मिलकर बढ़िया चौक बनाया।
जंगल मेंं पशुपक्षियों ने मिल
दीवाली का पर्व मनाया।।
घोड़े, भैंसे शहर से आए
मिठाई और फटाके लाए।
हाथी अपनी सूँड़ में लिए
लक्ष्मीजी की फोटो लाए।।
कछुए, खरगोशों ने मिल
फिर पूजा का थाल सजाया।
जंगल में पशु पक्षियों ने मिल
दीवाली का पर्व मनाया।।
जब जंगल के राजा आए
पूजन कर फिर दीप जलाए।
गधेलाल जी बाजा लाए
सबने मिलकर गाना गाए।।
पक्षियों ने फुलझड़ी चलायी,
पशुओं ने मिल बम चलाया।
जंगल में पशुपक्षियों ने मिल
दीवाली का पर्व मनाया।।
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