आदम को इंसान बना दें ।
तन - मन हिन्दुस्तान बना दें ।
शकुन्तलाएं अब बनकर मांएं -
वीर भरत - सी संतान बना दें ।
वीरों की जहाॅं जलें चिताएं -
तीरथ , वो श्मशान बना दें ।
द्वार जिसके खुले हों सबको -
दिल को हिन्दुस्तान बना दें ।
प्रेम की सुबह जो लाए जग में -
भारत को वो दिनमान बना दें ।
सत्य , अहिंसा और धर्म को -
मानव का ईमान बना दें ।
प्रात : बाइबिल , दुपहर गीता -
शाम हर हम क़ुरान बना दें ।
तन गोकुल , वृंदावन बनाकर -
हम मन को रसखान बना दें ।
तन - मन हिन्दुस्तान बना दें ।
शकुन्तलाएं अब बनकर मांएं -
वीर भरत - सी संतान बना दें ।
वीरों की जहाॅं जलें चिताएं -
तीरथ , वो श्मशान बना दें ।
द्वार जिसके खुले हों सबको -
दिल को हिन्दुस्तान बना दें ।
प्रेम की सुबह जो लाए जग में -
भारत को वो दिनमान बना दें ।
सत्य , अहिंसा और धर्म को -
मानव का ईमान बना दें ।
प्रात : बाइबिल , दुपहर गीता -
शाम हर हम क़ुरान बना दें ।
तन गोकुल , वृंदावन बनाकर -
हम मन को रसखान बना दें ।
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