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Saturday, 15 August 2020

हिदुस्तान हमारा प्यारा (कविता) - रीना गोयल


हिदुस्तान हमारा प्यारा
(कविता)
सार  ललित छन्द
हिदुस्तान हमारा प्यारा ,जन जन का है नारा ।
भारत माँ के जयकारों से , गूंज रहा जग सारा ।
         
छटा प्रकृति की अद्भुत बिखरी ,अनुपम रूप घनेरे ।
ऋषियों ,मुनियों ,विद्वानों के ,सदा रहे हैं डेरे ।

गंगा, जमुना ,सरस्वती की ,बहती निर्मल धारा ।
भारत माँ के जयकारों से , गूंज रहा जग सारा ।।

लाल किला है शान देश की ,ध्वजा यहीं फहराते ।
चिह्न प्रेम का ताजमहल  है,सभी  देखने आते ।

वीर सपूतों ने इस भू पर ,तन मन अपना वारा ।।
भारत माँ के जयकारों से , गूंज रहा जग सारा ।।

नीलवर्ण परिधान पहन नभ,  करता करतब न्यारे ।
सागर में भी गहरे कितने , मोती बिखरे प्यारे ।।

सूरज निकले बाँह पसारे ,करे दूर अँधियारा।।
भारत माँ के जयकारों से , गूंज रहा जग सारा ।।

सुरभित,सुंदर पुष्प निराले , नई ताजगी देते ।
औषधियों से पूरित वन भी , कठिन रोग हर लेते ।

इस भारत माता पर अपना  ,अर्पण जीवन सारा ।।
भारत माँ के जयकारों से ,गूंज रहा जग सारा ।।
-०-
पता:
रीना गोयल
सरस्वती नगर (हरियाणा)




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