*** हिंदी प्रचार-प्रसार एवं सभी रचनाकर्मियों को समर्पित 'सृजन महोत्सव' चिट्ठे पर आप सभी हिंदी प्रेमियों का हार्दिक-हार्दिक स्वागत !!! संपादक:राजकुमार जैन'राजन'- 9828219919 और मच्छिंद्र भिसे- 9730491952 ***

Saturday 15 August 2020

एक शहीद ऐसा भी (कविता) - शुभा/रजनी शुक्ला



एक शहीद ऐसा भी
                (कविता)
रो रही थी माता एक फूट फूट के
कि चल दिया था उसका लाल उसको छोड़ के

परेशान हो गयी वो उसको ढूंढ ढूंढ के
मिल ना रहा था बेटा कहॉं बैठा छोड़ के

जब बीते कई दिन और बीती कई रात
लोगो ने माँ को बोली फिर एक नयी बात

थाने मे जाके रपट लिखवा दो माँ हर हाल
इनके ही प्रयासों से अब मिलेगा तेरा लाल

कहने से सबके बूढी माता थाने पहुंच गयी
बेटे की फोटो देकर दरखास्त ये करी

लाल मेरा खो गया है कई दिन से सरकार
ढूंढ करके लादो ये माँ मानेगी उपकार

गजब का था निशाने बाज करता था बस कमाल
दुश्मन को मारने की ही करता था वो बात

कहता था फौज जाऊंगा पर ना था कोई ठिकाना
शिक्षण ना कोई प्रशिक्षण कैसे लगता उसका निशाना

मॉं रोये जा रही थी ना कोई था सपोर्ट
आखिर को अॉफिसर ने लिख दी उसकी रिपोर्ट

अफसर ने कहा जा मॉंअब चैन से घर जा
हम ढूंढ कर लायेंगे तेरा बेटा चुप हो जा

काफी दिनो के बाद मॉं को एक सूचना मिली
शिनाख्त बेटे की करने की उसे सजा मिली

लिपटा था लाल उसका आज तिरंगे झंडे मे
और देश गर्व कर रहा था उसके मरने मे

ना जाने कैसे पहुचा वो युद्ध के मैदान
 दुश्मन को मार स्वयं तज दिये थे प्राण

शरीर छलनी था सारा लगता था देख के
हैवानियत की हद पार कर दी थी बैरी  ने

गर्म लोहे की राड से उसके कानो को फोड़ा था
नाखुनो को खींच के सारी हड्डियो को भी तोडा़  था

धारदार शस्त्र से आँखे निकाल ली गयी थी
इंसानियत की सारी हदे पार कर दी गयी थी

सरहद मे जाके उसके पुत ने एैसा कमाल दिखलाया था
माँ ने देखा जब लाल को एैसे , फक्र उसे हो आया था

जो रो रही थी अब तक बेटे के विरह व्यथा से
अब हंसने लगी थी सुन कर बेटे के वीर कथा पे

धन्य हुयी मै आज हे धरती मॉं जो मुझको जनम दिया
इस पावन भूमि पे जन्म के एैसे लाल को जनम दिया

अट्टहास कर उठी अचानक हाँथ मे तिरंगा उठा लिया
जय हिन्द जय भारत जय मेरा लाल कहके उसने भी दम तोड़ दिया ।

एक नही अनेक हैं माता एैसी मेरे भारत देश मे
शत शत नमन है उनको आज अपने इस स्वदेश मे ।
-०-
शुभा/रजनी शुक्ला
रायपुर (छत्तीसगढ)

-०-



शुभा/रजनी शुक्ला जी की रचनाएं पढ़ने के लिए शीर्षक चित्र पर क्लिक करें! 

***
मुख्यपृष्ठ पर जाने के लिए चित्र पर क्लिक करें 

No comments:

Post a Comment

सृजन रचानाएँ

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित
हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ