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Saturday, 15 August 2020

राष्ट्र-वंदना (गीत) - प्रो.(डॉ.)शरद नारायण खरे

 राष्ट्र-वंदना
(गीत)
भारत मां के अभिनंदन में, आओ हम जयगान करें ।
नित्य चुनौती का उत्तर दे, रक्षित मां की आन करें ।।

हमने रच डाली नव गाथा,
 लेकर खडग हाथ अपने
 नहीं हटाये बढ़े हुये पग,
 पूर्ण किये सारे सपने

माटी को निज माथ लगाकर, आओ मंगलगान करें ।
नित्य चुनौती का प्रत्युत्तर दे, रक्षित मां की आन करें ।।

शत्रु नहीं बच पाया हमसे,
 पूत हमारे वीर सभी
सेनानी हम हैं मतवाले,
 हाथ गहें शमशीर सभी

वक़्त करे यदि मांग तो हँस-हँस,  हम निज का बलिदान करें ।
नित्य चुनौती का उत्तर दे, रक्षित मां की आन करें ।।

सीमाओं पर डंटे हुये हम,
  तीन रंग का मान रखें
जन गण मन की लाज निभाते,
 क़ायम निज की शान रखें

त्याग करें,और रखें एकता, मिल-जुलकर सहगान करें ।
नित्य चुनौती का उत्तर दे, रक्षित मां की आन करें ।।

बिस्मिल,भगतसिंह हम ही हैं,
  हम ही तो आज़ाद हैं
हम ही तो हैं नेहरू-गांधी,
  हम हरदम आबाद हैं

संविधान में रखें आस्था, मिल-जुलकर उत्थान करें ।
नित्य चुनौती का उत्तर दे, रक्षित मां की आन करें ।।
-०-
प्रो.(डॉ.)शरद नारायण खरे
मंडला (मध्यप्रदेश)
-०-


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