*** हिंदी प्रचार-प्रसार एवं सभी रचनाकर्मियों को समर्पित 'सृजन महोत्सव' चिट्ठे पर आप सभी हिंदी प्रेमियों का हार्दिक-हार्दिक स्वागत !!! संपादक:राजकुमार जैन'राजन'- 9828219919 और मच्छिंद्र भिसे- 9730491952 ***

Saturday 26 October 2019

स्वप्न (गीत) - डॉ० धाराबल्लभ पांडेय 'आलोक'


स्वप्न
(गीत)
स्वप्न देखते हुए बढ़े चलो।
हौसले बुलंद कर चढ़े चलो।।

क्या हुआ जो, तुम सफल न हो सके?
क्या हुआ जो, सोचा तुम न पा सके?
देखो छोटी-छोटी, चींटियों को तुम।
फिसल-फिसल के, भी न जो पीछे हटे।
आज जो करना है, वो करते चलो।
हौसले बुलंद कर, चढ़े चलो ।।

बढ़े चलो, कर्तव्य पथ से मत हटो।
करते रहो, जो सोचा मन में मत रुको।
यह विचार दृढ़ हो, मन में धर सदा।
कर्म फल की आस, बिन नहीं रुको।
कर्म ही अधिकार है, किये चलो।
हौसले बुलंद कर, चढ़े चलो।।
-०-
डॉ० धाराबल्लभ पांडेय 'आलोक'
अध्यापक एवं लेखक
29, लक्ष्मी निवास, कर्नाटक पुरम, मकेड़ी, धारानौला चितई रोड, अल्मोड़ा, पिन- 263601,
उत्तराखंड, भारत।

***
मुख्यपृष्ठ पर जाने के लिए चित्र पर क्लिक करें 

No comments:

Post a Comment

सृजन रचानाएँ

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

गद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०

पद्य सृजन शिल्पी - नवंबर २०२०
हार्दिक बधाई !!!

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित

सृजन महोत्सव के संपादक सम्मानित
हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ