केले का छिलका
(बाल कहानी)
चिंटू का घर सड़क के किनारे था। उसने केला खाया और खिड़की से केले का छिलका बाहर उछाल दिया। धप्प से छिलका बीच फुटपाथ पर जा गिरा।
थोड़ी देर बाद अपनी मम्मी की दवाई लेकर गोपाल वहाँ से गुज़रा। जल्दबाज़ी में उसने ध्यान नहीं दिया और छिलके पर पैर रख दिया। छिलके पर पैर पड़ते ही वह पीठ के बल ज़मीन पर गिर पड़ा। दवा की शीशी हाथ से छिटकर दूर जा गिरी। आस-पास खड़े लोग उसे देखकर ज़ोर-ज़ोर से हँसने लगे। गोपाल को बहुत झुँझलाहट हुई। मन-मसोस कर कमर पकड़े, वह जैसे-तैसे उठ खड़ा हुआ। उसके कपड़े धूल में सन गए और कोहनी से खून निकलने लगा। वह लंगड़ाता हुआ घर की ओर चल दिया।
छिलका थोड़ा आगे सरक गया, लेकिन था अभी भी फुटपाथ पर ही। तभी एक मोटे लालाजी बड़ी तेज़ी से वहाँ से गुज़र रहे थे। उन्हें दुकान खोलने की जल्दी थी। लालाजी का पैर छिलके पर पड़ा। छिलके ने पुनः करामात दिखाई और वह धड़ाम से पास गुजर रही महिला के कुत्ते पर जा गिरे। कुत्ता उछल-उछल कर ज़ोर-ज़ोर से
भौंकने लगा। महिला के हाथ से उसकी चैन छूट गई। हड़बड़ी में वह दीवार से जा टकराई और उसके माथे पर चोट लग गई। इस बीच कुत्ते ने वहाँ से गुज़र रहे एक व्यक्ति को काट लिया। कुत्ते से बचने के लिए पास वाला दूसरा व्यक्ति डर के मारे भागने लगा और सीधा रिक्शावाला से जा टकराया। फिर बौखलाहाट में रिक्शेवाले को अनाप-शनाप गालियाँ बकने लगा। रिक्शेवाला उस आदमी को बार-बार समझा रहा था कि उसकी कोई ग़लती नहीं है। अचानक रिक्शे के सामने आने से वह चोट खा बैठा। चोट खाया हुआ आदमी अपनी ग़लती मानने को तैयार ही नहीं था। अब तो रिक्शेवाला भी भड़क गया। हाथापाई होने की नौबत आ गई। तमाशबीन जमा होने लगे। एक-दो पंचायती व्यक्ति रिक्शेवाले को समझाने लगे।
सड़क पर अफ़रा-तफ़री देखकर चौराहे पर खड़े ट्रैफिक कॉन्स्टेबल का ध्यान भटक गया। उसका ध्यान बँटते ही दो स्कूटर आपस में भीड़ गए।ज़ोर का धड़ाका हुआ। एक स्कूटर वाले के हाथ में चोट लग गई, वह दर्द से कराह रहा था। सड़क पर ट्रैफ़िक जाम हो गया। कॉन्स्टेबल सीटी पर सीटी मार-मार कर परेशान था। गाड़ियों की टीं-टीं पों-पों से ध्वनि प्रदूषण बढ़ता जा रहा था। धुएँ की वज़ह से कुछ लोग खाँस रहे थे और कुछ नाक पर रुमाल रखे माथा चढ़ा रहे थे। ट्रैफिक कंट्रोल करते-करते
कॉन्स्टेबल को पूरे दो घंटे लगे, लेकिन दुख की बात यह थी कि केले का छिलका अब भी फुटपाथ पर पड़ा मुस्करा रहा था।
-०-शिवचरण सरोहा
ए-107, शकूर पुर, आनंद वास, दिल्ली-110034
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